शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

कविता: भारत की भाषा

कविता: भारत की भाषा: वह नहीं बोलता, भारत की भाषा कोटि-कोटि हृतंत्री लय एकतंत्रीय,अहं से लथपथ खड़े उसके जीवन खंडहर हृदय में कृमि, कंकण, काट रहे ज्योति जिह्...

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