शनिवार, 20 अगस्त 2011

जनता

जनता ने बनाया
जनता ही उतारेगी,
लोकतंत्र के आँसुओं को
जनता ही पोछेगी,
सिंहासन की शुद्धता
जनता ही पूछेगी,
परिवर्तन की बातें भी
जनता ही करेगी,
क्रान्ति के बीजों को
जनता ही जगायेगी,
सूक्ष्म जो सत्य है
उसे जनता ही बचायेगी ,
आस्थायें अन्त में
जनता पर उतरेंगी ।
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