कविता
मंगलवार, 12 जुलाई 2011
आदमी
आदमी कितना भी
दुखी हो
ईश्वर से दुश्मनी
नहीं कर पाता,
उसे जीवनपर्यन्त
पूजता,
अपनी भलाई की
शपथ ले,
अपने दुरावों को
इधर-उधर दौड़ाता है ।
----------
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें