कविता
शुक्रवार, 1 जुलाई 2011
अभी लिखी नहीं गयी चिट्ठी
अभी लिखी नहीं गयी चिट्ठी
प्यार की,
कहा नहीं गया शब्द
मिठास का,
हुई नहीं बात
स्नेह की ।
अभी फूटे नहीं स्रोत
सत्य के ,
अभी सम्भावना है
प्यार की, मिठास की,
स्नेह की, सत्य की ।
** महेश रौतेला
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