शुक्रवार, 3 मार्च 2017

उठो, हिमालय आज उठो

उठो हिमालय, आज उठो
तुम तक झंडा आया है,
श्याम-श्वेत जैसा भी हो
जय जयकार लाया है,
उठो भारत, आज उठो
तुम तक तिरंगा आया है,
श्याम-श्वेत जैसा भी हो
जय जयकार लाया है।
उठो गंगा, आज उठो
तुम तक मानव आया है,
श्याम-श्वेत जैसा भी हो
जय जयकार लाया है।
उठो जनता, आज उठो
तुम्हारी भाषा आयी है,
श्याम-श्वेत जैसी भी हो
जय जयकार लायी है।
उठो आत्मा, आज उठो
तुम तक सत्य आया है,
श्याम-श्वेत जैसा भी हो
जय जयकार लाया है।
**महेश रौतेला

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