अभी सुनहरी यात्रा बाकी है
धरती रुकी नहीं है
सूरज ठहरा नहीं है
फसल का उगना बंद नहीं हुआ है
प्यार के किस्से सोये नहीं हैं
साथ की बातें जमी नहीं हैं,
अभी आदमी में सत्य शेष है
ज्ञान बिखरा पड़ा है
रोटी का संघर्ष जारी है
घर का दरवाजा आधा ही खुला है
खिड़कियों से रोशनी आ रही है
आसमान टिमटिमा रहा है
कथा की इति शेष है
बहुत से कथानक और बनने हैं।
अभी अगली बर्फ गिरेगी
अगला वसंत आयेगा
अगला साल सुधार लायेगा
अगली मुलाकात होगी
अगला त्योहार और अच्छा होगा
पेड़ों पर पक्षियां बैठेंगी
पहाड़ों पर चढ़ना चलता रहेगा
चुनावों से नयी संसद बनेगी,
जिस भाषा में चुनाव होगा
राजकाज उसी में चलेगा
गरीबी का गणित सुलझ जायेगा।
अभी सुनहरी यात्रा बाकी है
धरती रुकी नहीं है
सूरज ठहरा नहीं है।
**महेश रौतेला
धरती रुकी नहीं है
सूरज ठहरा नहीं है
फसल का उगना बंद नहीं हुआ है
प्यार के किस्से सोये नहीं हैं
साथ की बातें जमी नहीं हैं,
अभी आदमी में सत्य शेष है
ज्ञान बिखरा पड़ा है
रोटी का संघर्ष जारी है
घर का दरवाजा आधा ही खुला है
खिड़कियों से रोशनी आ रही है
आसमान टिमटिमा रहा है
कथा की इति शेष है
बहुत से कथानक और बनने हैं।
अभी अगली बर्फ गिरेगी
अगला वसंत आयेगा
अगला साल सुधार लायेगा
अगली मुलाकात होगी
अगला त्योहार और अच्छा होगा
पेड़ों पर पक्षियां बैठेंगी
पहाड़ों पर चढ़ना चलता रहेगा
चुनावों से नयी संसद बनेगी,
जिस भाषा में चुनाव होगा
राजकाज उसी में चलेगा
गरीबी का गणित सुलझ जायेगा।
अभी सुनहरी यात्रा बाकी है
धरती रुकी नहीं है
सूरज ठहरा नहीं है।
**महेश रौतेला