मंगलवार, 20 सितंबर 2011

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।: ईश्वर बहुत साधारण होता है, जब चाहो उसे बुला लो, जब चाहो उसे भूल जाओ, मन डरता हो, घबराता हो, वह स्वयं ही प्रतिष्ठापित हो जायेगा, बिना स...

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।: ईश्वर बहुत साधारण होता है, जब चाहो उसे बुला लो, जब चाहो उसे भूल जाओ, मन डरता हो, घबराता हो, वह स्वयं ही प्रतिष्ठापित हो जायेगा, बिना स...

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।: ईश्वर बहुत साधारण होता है, जब चाहो उसे बुला लो, जब चाहो उसे भूल जाओ, मन डरता हो, घबराता हो, वह स्वयं ही प्रतिष्ठापित हो जायेगा, बिना स...

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।

कविता: ईश्वर बहुत साधारण होता है ।: ईश्वर बहुत साधारण होता है, जब चाहो उसे बुला लो, जब चाहो उसे भूल जाओ, मन डरता हो, घबराता हो, वह स्वयं ही प्रतिष्ठापित हो जायेगा, बिना स...

सोमवार, 19 सितंबर 2011

ईश्वर बहुत साधारण होता है ।

ईश्वर बहुत साधारण होता है,
जब चाहो उसे बुला लो,
जब चाहो उसे भूल जाओ,
मन डरता हो,
घबराता हो,
वह स्वयं ही प्रतिष्ठापित हो जायेगा,
बिना सुरक्षा
सब जगह पहुँच जायेगा,
किसी के साथ बैठ लेगा,
किसी के साथ चल देगा,
शुभ कार्यों के लिए
घर-घर सज जायेगा,
ईश्वर बहुत आम होता है,
कहीं भी बैठ जायेगा,
कहीं भी श्वास ले लेगा,
ईश्वर बहुत साधारण होता है ।
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महेश रौतेला

सोमवार, 12 सितंबर 2011

हम कहते रहेंगे

हम कहते रहेंगे-
अपनी शुद्धता
प्रेषित करते रहेंगे,
सत्यता जो
आदि से अन्त तक
निकलती-डूबती
आशा-आकांक्षों में
उभरती-ढहती
उसे गुनगुनाते रहेंगे ।
प्यार को
जो चाहिए
उसे देते जाएंगे,
हम पगडण्डियों की बातों को
ऊँचाई तक ले जाएंगे,
अपने होने के एहसास को
मोक्ष तक घुमाएंगे,
हम मिट्टी बन
फिर मिट्टी पर
उग आएंगे ।
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